यथार्थ से टकराती कविता... यथार्थ से टकराती कविता...
मैं जानती हूँ कि तुम एक मर्द हो, और तुम्हें भी तो दर्द बराबर का होता है। मैं जानती हूँ कि तुम एक मर्द हो, और तुम्हें भी तो दर्द बराबर का होता है।
नींद भगवान है। जाओ पूजा करो नींद को सपनों में मैंने सब कुछ हासिल किया है। नींद भगवान है। जाओ पूजा करो नींद को सपनों में मैंने सब कुछ हासिल किया ह...
बरगद की छांव तले वो माँ से चोरी छुपे गुड़ चने लाना, और दोस्तो संग मिल बैठ के खाना, बरगद की छांव तले वो माँ से चोरी छुपे गुड़ चने लाना, और दोस्तो संग मि...
फूल को खिलने दो रंगीन हो या रंग हीन, गंधमय हो या गंधहीन, घास पर खिले या शाख पर, जल फूल को खिलने दो रंगीन हो या रंग हीन, गंधमय हो या गंधहीन, घास पर खिले या...
सिर्फ घुटनों पर बैठ कर प्यार का इजहार करना ही नहीं, बूढ़े और कमजोर हो चुके दर्द वाले सिर्फ घुटनों पर बैठ कर प्यार का इजहार करना ही नहीं, बूढ़े और कमजोर हो चुके द...